विक्रम और बेताल | hindi kahani
विक्रम और बेताल |
वो सुन्दरी किसे मिलेगी
Hindi kahani।यमुना किनारे धर्मस्थान नामक एक घर था। उस नगर में गणाधिप नामक राजा राजा करता था। उसी नगर में केशव नाम का एक ब्राम्हण रहता था। यमुना के तट पर जप-तप किया करता था। उसकी एक पुत्री थी जिसका नाम मालती था। वह बड़ी रूपवती थी।
जब वह विवाह की लायक हुई तब उसके माता-पिता और भाई को चिंता हुई। संयोग से एक दिन जब ब्राम्हण अपने किसी यजमान के बरात में गया था और भाई पढ़ने गया था, तभी उनके घर में एक ब्राह्मण लड़का आया।लड़की की मां ने उसके रूप और गुणों को देखकर कहा कि मैं अपनी बेटी का ब्याह तुमसे कराऊंगी।
उधर ब्राम्हण पिता को भी एक दूसरा लड़का मिल गया और उससे भी यही वचन पिता ने कहा और जहां ब्राम्हण का लड़का पढ़ने गया था वहां भी उसने एक लड़के से यही वचन किया। Hindi kahani
कुछ समय बाद बाप बेटे घर में इकट्ठे हुए देखते क्या है कि वहां तीसरा लड़का और मौजूद हैं और दो उनके साथ आए थे। अब क्या हो ब्राम्हण, उसका लड़का और ब्राम्हणी बड़े सोच में पड़ गए। दैवयोग से हुआ यह कि लड़की को सांप ने काट लिया और वह मर गयी। Hindi kahani
उसका बाप, भाई और तीनों लड़कों ने बड़ी भागदौड़ की। और जहरझाड़ने वाले को बुलाया पर कोई नतीजा नहीं निकला। सब अपनी-अपनी करके चले गए।
दुखी होकर वो लड़की को श्मशान घाट ले गए और क्रिया-कर्म कर आए। तीनों लड़कों में से एक ने उसकी हड्डिया चुनने ली और फकीर बन कर जंगल चला गया। दूसरे ने उसकी राख की गठरी बांध ली और वहीं झोपड़ी बनाकर रहने लगा। तीसरा योगी होकर देश-देश घूमने लगा। Hindi kahaniya
एक दिन की बात है तीसरा लड़का घूमते घूमते एक नगर पहुंचा और एक ब्राम्हण के घर भोजन करने बैठा। उस ब्राह्मण का बेटा राजा के यहां सैनिक था। तभी वहां कुछ सैनिक उसके बेटे का शव लेकर आए और वह सभी घटना उस ब्राह्मण को बता दिया जिसके कारण उसका बेटा मरा था।
ब्राह्मणी रोने लगी। योगी भी भोजन छोड़ उठ खड़ा हुआ। ब्राह्मणी का विलाप उसके पति से देखा नहीं गया। ब्राह्मण के पास उसके पूर्वजों की दी हुई संजीवनी विद्या की पोथी थी। ब्राह्मण ने जैसे ही उसमें से एक मंत्र पड़ा उसका मरा हुआ बेटा जिन्दा हो गया।
यह सब देख कर उस योगी ने सोचा कि अगर संजीवनी की पोथी उसके हाथ पड़ जाए तो वह उस लड़की को पुनः जिंदा कर सकता है। इसके बाद उसने भोजन किया और रात वही बिताने लगा। और जब आधी रात हुई तो वह योगी सबको को सोता हुआ देखकर पोथी लेकर चला गया। जिस लड़की को जहां जलाया गया था। वहां जाकर देखा तो दूसरे लड़के बैठे बात कर रहे थे।
इस लड़के यह कहने पर की वह उस लड़की इस संजीवनी से जिंदा कर सकता है। उन दोनो ने हड्डीया और रांख निकाली। जैसे ही लड़के ने मंत्र पड़ा लड़की जिंदा हो गयी और तीनों उस लड़की के पीछे आपस में झगड़ने लगे।
इतना कहकर बेताल बोला:-हे राजन विक्रम, यह बताओ की वह लड़की किसकी स्त्री होनी चाहिए। Hindi kahani
राजा विक्रमादित्य ने जवाब दिया:- जो वहां झोपड़ी बनाकर रहा
बेताल ने पूछा:- क्यो?
विक्रमादित्य ने कहा:- जिसने हड्डीया रखी, वह उसके बेटे के समान हुआ। जिसने विद्या सीखकर जीवनदान दिया, वह पिता के समान हुआ और जो राख लेकर रमा रहा वहीं उसकी हकदार हुई।
विक्रम की यह बात सुनकर बेताल ने
कहा:-तुमने गणित तो अच्छी लगाई है परंतु अपनी शर्त भूल गए जिसके कारण फिर बैताल पीपल के पेड़ में लटक गया और विक्रम को फिर से उसी लेने जाना पड़ा।
जब देवसोम सोलह बरस का हुआ तब सारी विद्याएं सीख चुका था परन्तु दुर्भाग्यवश वह मर गया। Hindi kahani
हम इसी तरह आपके लिए Hindi stories, हिंदी कहानी, हिंदी कहानियां और पंचतंत्र की कहानियां लाते रहेंगे।
उधर ब्राम्हण पिता को भी एक दूसरा लड़का मिल गया और उससे भी यही वचन पिता ने कहा और जहां ब्राम्हण का लड़का पढ़ने गया था वहां भी उसने एक लड़के से यही वचन किया। Hindi kahani
कुछ समय बाद बाप बेटे घर में इकट्ठे हुए देखते क्या है कि वहां तीसरा लड़का और मौजूद हैं और दो उनके साथ आए थे। अब क्या हो ब्राम्हण, उसका लड़का और ब्राम्हणी बड़े सोच में पड़ गए। दैवयोग से हुआ यह कि लड़की को सांप ने काट लिया और वह मर गयी। Hindi kahani
उसका बाप, भाई और तीनों लड़कों ने बड़ी भागदौड़ की। और जहरझाड़ने वाले को बुलाया पर कोई नतीजा नहीं निकला। सब अपनी-अपनी करके चले गए।
दुखी होकर वो लड़की को श्मशान घाट ले गए और क्रिया-कर्म कर आए। तीनों लड़कों में से एक ने उसकी हड्डिया चुनने ली और फकीर बन कर जंगल चला गया। दूसरे ने उसकी राख की गठरी बांध ली और वहीं झोपड़ी बनाकर रहने लगा। तीसरा योगी होकर देश-देश घूमने लगा। Hindi kahaniya
एक दिन की बात है तीसरा लड़का घूमते घूमते एक नगर पहुंचा और एक ब्राम्हण के घर भोजन करने बैठा। उस ब्राह्मण का बेटा राजा के यहां सैनिक था। तभी वहां कुछ सैनिक उसके बेटे का शव लेकर आए और वह सभी घटना उस ब्राह्मण को बता दिया जिसके कारण उसका बेटा मरा था।
ब्राह्मणी रोने लगी। योगी भी भोजन छोड़ उठ खड़ा हुआ। ब्राह्मणी का विलाप उसके पति से देखा नहीं गया। ब्राह्मण के पास उसके पूर्वजों की दी हुई संजीवनी विद्या की पोथी थी। ब्राह्मण ने जैसे ही उसमें से एक मंत्र पड़ा उसका मरा हुआ बेटा जिन्दा हो गया।
यह सब देख कर उस योगी ने सोचा कि अगर संजीवनी की पोथी उसके हाथ पड़ जाए तो वह उस लड़की को पुनः जिंदा कर सकता है। इसके बाद उसने भोजन किया और रात वही बिताने लगा। और जब आधी रात हुई तो वह योगी सबको को सोता हुआ देखकर पोथी लेकर चला गया। जिस लड़की को जहां जलाया गया था। वहां जाकर देखा तो दूसरे लड़के बैठे बात कर रहे थे।
इस लड़के यह कहने पर की वह उस लड़की इस संजीवनी से जिंदा कर सकता है। उन दोनो ने हड्डीया और रांख निकाली। जैसे ही लड़के ने मंत्र पड़ा लड़की जिंदा हो गयी और तीनों उस लड़की के पीछे आपस में झगड़ने लगे।
इतना कहकर बेताल बोला:-हे राजन विक्रम, यह बताओ की वह लड़की किसकी स्त्री होनी चाहिए। Hindi kahani
राजा विक्रमादित्य ने जवाब दिया:- जो वहां झोपड़ी बनाकर रहा
बेताल ने पूछा:- क्यो?
विक्रमादित्य ने कहा:- जिसने हड्डीया रखी, वह उसके बेटे के समान हुआ। जिसने विद्या सीखकर जीवनदान दिया, वह पिता के समान हुआ और जो राख लेकर रमा रहा वहीं उसकी हकदार हुई।
विक्रम की यह बात सुनकर बेताल ने
कहा:-तुमने गणित तो अच्छी लगाई है परंतु अपनी शर्त भूल गए जिसके कारण फिर बैताल पीपल के पेड़ में लटक गया और विक्रम को फिर से उसी लेने जाना पड़ा।
योगी क्यों रोया फिर क्यो हंसा
कलिंग देश में शोभावती नाम का एक नगर था। उसमें राजा प्रघयुम्न राज करता था।उसी नगर में एक ब्राह्मण रहता था। जिसका देवसोम नाम का बड़ा ही योग्य पुत्र था।
जब देवसोम सोलह बरस का हुआ तब सारी विद्याएं सीख चुका था परन्तु दुर्भाग्यवश वह मर गया। Hindi kahani
बुढ़े मां बाप बड़े दुखी हुए। चारों ओर शोक छा गया। जब उसे श्मशान लेकर पहुंचे तो रोने पीटने की आवाज सुनकर योगी अपनी कुटिया से बाहर निकल कर आया।
पहले तो वह खूब जोर से रोया, फिर खूब हंसा, फिर अपने योग बल से उस लड़के के शरीर में प्रवेश कर गया। लड़का उठ खड़ा हुआ।उसे जीता देख सब बहुत खुश हुए।
फिर लड़का वहीं तपस्या करने लग गया।
इतना कहकर बेताल बोला:- राजन विक्रम, यह बताओ पहले वह योगी क्यों रोया, फिर क्यो हंसा और यदि तुमने उत्तर नहीं दिया तो तुम्हारा सिर फट जाएगा।
विक्रम ने उत्तर दिया:- इसमें क्या बात है वह रोया इसलिए कि जिस शरीर को उसके मां बाप ने पाला पोसा और जिससे बहुत से शिक्षाएं प्राप्त की, उसे छोड़ रहा था। हंसा इसलिए क्योंकि वह ने शरीर में प्रवेश करा सिद्धियां प्राप्त कर सकता था
राजा विक्रम के इतना कहते ही बेताल फिर जाकर पीपल के पेड़ में लटक गया और राजन विक्रम को फिर से लेने जाना पड़ा। Hindi kahani
पहले तो वह खूब जोर से रोया, फिर खूब हंसा, फिर अपने योग बल से उस लड़के के शरीर में प्रवेश कर गया। लड़का उठ खड़ा हुआ।उसे जीता देख सब बहुत खुश हुए।
फिर लड़का वहीं तपस्या करने लग गया।
इतना कहकर बेताल बोला:- राजन विक्रम, यह बताओ पहले वह योगी क्यों रोया, फिर क्यो हंसा और यदि तुमने उत्तर नहीं दिया तो तुम्हारा सिर फट जाएगा।
विक्रम ने उत्तर दिया:- इसमें क्या बात है वह रोया इसलिए कि जिस शरीर को उसके मां बाप ने पाला पोसा और जिससे बहुत से शिक्षाएं प्राप्त की, उसे छोड़ रहा था। हंसा इसलिए क्योंकि वह ने शरीर में प्रवेश करा सिद्धियां प्राप्त कर सकता था
राजा विक्रम के इतना कहते ही बेताल फिर जाकर पीपल के पेड़ में लटक गया और राजन विक्रम को फिर से लेने जाना पड़ा। Hindi kahani
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